International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
स्वामी सहजानन्द सरस्वती और बिहार किसान आन्दोलन
1 Author(s): ANIL KUMAR
Vol - 5, Issue- 11 , Page(s) : 18 - 20 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
स्वामी सहजानन्द सरस्वती एक ऐसे युग पुरुष थे, जिनकी जिन्दगी का उद्देश्य दमन,शोषण एवं पराधीनता से मुक्त समाज का निर्माण करना था। स्वामी जी की जीवन के इतिहास क्रांतिकारी परिवर्तनों की एक लम्बी कहानी हैं। जाति विशेष के वर्चस्व के विरोध में आवाज बुलन्द करने वाले एक सन्यासी से साम्राज्यवाद विरोधी, घनघोर गाॅंधीवादी और फिर समाजवादी समाज की स्थापना के लिये सतत् संघर्षशील क्रांतिकारी के रुप में स्थापित होने वाले स्वामीजी विचारों और कर्मो में लगातार प्रगति के उच्चतम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उनका जीवन एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपने मोक्ष के लिए उपासना और धार्मिक चिन्तन में लगा हुआ था, लेकिन उन्होने अनुभव किया कि जनता की सेवा ही भगवान की असली पूजा है। विचारों के ऐसे उद्वेलन से आलोकित हो उन्होंनें एकान्त जीवन को त्याग कर राजनीतिक और सामाजिक जीवन-आन्दोलन को अपना लिया और इस काम में अथक एवं अटूट क्रांतिकारी शक्ति के साथ संत की दृढ़ भक्ति को जोड़ दिया। मानव के उत्थान के लिए चलाया गया उनका यह धर्मयुद्ध इन्हें नए-से नए क्षेत्रों एवं नई-नई समस्याओं तक ले गया, लेकिवन वे उनमें से किसी एक से भी नहीं हटे।