1. हरिबाबु कंसल, विश्व मे हिन्दी, खण्ड -1 पृ०-77
2. सातवाँ हिन्दी विश्व सम्मेलन, जून 2003,पृ-5
3. जयशंकर प्रसाद, कामायनी, श्रद्धा सर्ग, प्रकाशन,1936, पृ०-24
4. सत्यप्रकाश मिश्र, प्रेमचन्द के श्रेष्ठ निबंध, में संकलित 'श्रद्धा -भक्ति ' पृ०-57
5. डा० भोलानाथ तिवारी, सम्पर्क हिन्दी ,पृ०-41
6. डा० कैलास चन्द्र भाटिया, हिन्दी भाषा का प्रयोजनमूलक स्वरूप, पृ०-11
7. राष्ट्रभाषा हिन्दी, जनवरी 2003,पृ०-7
8. वागार्थ, मासिक पत्रिका, जनवरी 2003,(सम्पादकीय से)
9. विश्व हिन्दी दर्शन, जनवरी 1991,पृ०-34
10. वही, पृ०-36
11. हरिबाबु कंसल, विश्व में हिन्दी, खण्ड -2,पृ०-146