1 आदिवासी विमर्श - स्वस्थ जनतांत्रिक मूल्य¨ं की तलाश, सं. डॉ. विरेंष्सिंह यादव, डॉ. रविंष्कुमार साहु
2 पाँव तले की दूब - वाग्देवी पाकेट बँक्स, संकलन, 2005, पृ.88
3 आदिवासी अस्तित्व अ©र झारखंडी अस्मिता के सवाल, डॉ. रामदयाल मँुडा, सं.2002, पृ. 29
4 झारखंड. जादूई जमीन का अंधेरा, उर्मिलेश, प्रकाशन संस्था 1999, पृ. 29
5 अदिवासी अस्मिता का संकट, रमणीक गुप्ता, सामायिक प्रकाशन
आदिवासी साहित्य विमर्श. सं. अरूण अ¨झा