( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH

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भारतीय परम्परा में हिन्दू विवाह संस्कार

    1 Author(s):  SHARDA

Vol -  9, Issue- 3 ,         Page(s) : 437 - 443  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH

Abstract

भारतीय परम्परा अति प्राचीन रही है यह सर्वविदित सत्य है। आज आध्ुनिक युग में भी यह परम्परा निरन्तर गतिमय है। पीढ़ी दर पीढ़ी इसका लेखन एवं संवधर््न होता रहताा है। समय के साथ-साथ क्षेत्रावाद स्वरूप इनमें कुछ विभिन्नताएँ दृष्टिगोचर होती रहती हैं। परन्तु इन विभिन्नताओं के रहने पर भी उद्देश्य एक ही है, व्यक्तित्व का निर्माण। व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में, इसके सर्वाघõीन विकास में संस्कारों का एक महत्वपूर्ण स्थान है या यह कहा जा सकता है कि संस्कार ही वह आधरशिला है जिससे व्यक्ति समाज में रहने योग्य बनता है। संस्कार का अर्थ ही संस्कृत करना है। संस्कारों की संख्या मुख्यतः सोलह मानी गई है।

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