International Research journal of Management Sociology & Humanities
( ISSN 2277 - 9809 (online) ISSN 2348 - 9359 (Print) ) New DOI : 10.32804/IRJMSH
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लोकायत नीतिशास्त्र और प्राचीन भारतीय नीतिशास्त्र
1 Author(s): SUJIT KUMAR
Vol - 5, Issue- 9 , Page(s) : 370 - 373 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSH
चार्वाक या लोकयातियों का सोचना था कि प्रत्येक व्यक्ति के स्वरुप का निर्माण, उसकी विरासत तथा उसके वातावरण के सम्मिश्रण से होता है ।